सूत्रधार में आज देखिए कि बिना सहकार नहीं उद्धार प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चौहान सहकारिता की इस टैगलाइन को राज्य के विकास का मूल मंत्र बनाना चाहते हैं। लेकिन मप्र में सहकारिता सेक्टर की जो हालत है उसे देखते हुए नई टैग लाइन कही जा सकती है कि न सहकार, न उद्धार, सिर्फ भ्रष्टाचार। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में 8 हजार करोड़ रुपए के अनुदान के बाद भी करीब 4,500 सहकारी साख समितियों की माली हालत बेहद खराब है। वहीं, दूसरी स्टोरी में आपको दिखाएंगे कि आखिरकार भोपाल के बीजेपी जिलाध्यक्ष पर क्यों भड़के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और इस वाकये पर कांग्रेस ने क्यों कसा तंज। इधर, कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले मिर्ची बाबा कांग्रेस से भड़क गए हैं। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। साथ ही देखिए कि कैसे युद्ध की आपदा को एक ठग ने अवसर में बदला और पीएमओ के नाम से विदिशा की दंपति से कर ली 45 हजार की ठगी।